झुनझुने बटते ही, इस्तीफो की नूरा कुश्ती...
डेस्क रिपोर्ट। ये तो होना ही था जैसे ही कांग्रेस में झुनझुने बटते हे, इस्तीफों की नूरा कुश्ती शुरू हो जाती हे, जो कुछ समय बाद ले देकर मैनेज हो जाती हे। सालों से सत्ता से बाहर पार्टी की हालत क्या हो सकती हे ये राजनीति करने वाले समझते हे, विपक्ष में रहते हुए संगठन को चलाना आसान काम नहीं हे, ऐसे हालात में पार्टी को ऐसा नेता चाहिए होता हे जिसका बेग ग्राउंड मजबूत हो न की वफादार।
ऐसी ही नूरा कुश्ती जिला कांग्रेस कमेटी रतलाम में मंगलवार को देखने में आई। जिला कांग्रेस अध्यक्ष हर्ष विजय गेहलोत ने अपने पद से इस्तीफा देकर संगठन को अहसास कराने की कोशिश की , ऐसा नहीं हे कि संगठन बिना जिलाध्यक्ष के कोई फैसला ले ये तो पार्टी का डैमेज कंट्रोल करने का एक तरीका हे, एक पद पर कई दावेदार होते हे, ओर सबको साथ लेकर चलना होता हे, इसलिए इस तरह की नूरा कुश्ती पार्टियों में आम बात हे, जिससे कार्यकर्ता ये समझता हे कि भैया ने संगठन को आईना दिखा दिया ओर सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकालना शुरू कर देता हे, जो वर्तमान में चल रहा हे, उसको क्या पता की भैया का इस्तीफा दो दिन बाद न मंजूर हो जाएगा और भैया भी ऐसे बंदे पर दांव लगाएंगे जो अपनी पेंट में जेब रखता हो, क्योंकि पूरे पांच साल बंदों को जोड़ कर रखना प्रदर्शन, रैलियों का खर्चा ...??
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