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 शतरंज की बिसात पर शे, मात, का खेल …….???
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शतरंज की बिसात पर शे, मात, का खेल …….???

 

                                 शतरंज की बिसात पर शे, मात, का खेल …….???

                                     

लगता हे, बीते हुए कल से पंजा छाप कुछ सबक लेने को तैयार नहीं हे, कुछ जानकारों का मानना था, की जिस तरह से पिछले विधान सभा चुनाव में जनता द्वारा जनादेश देने के बाद भी जो हालत पार्टी के अंदर बने और पार्टी सत्ता से दूर हो गई, उससे पार्टी कुछ सबक लेगी पर ऐसा कुछ दिखाई नहीं दे रहा हे। जिस तरह से कुछ समय से पंजा पार्टी को विपक्ष से ज्यादा उनके ही पार्टी के लोग नुकसान पंहुचा रहे हे और वर्तमान में पार्टी की क्या हालत हे सभी जानते है, उसके बाद भी कुछ नेता हालात से सबक लेने को तैयार नहीं हे

राहुल गांधी की मेहनत पर एक बार फिर कभी फूल छाप तो कभी ट्रेक्टर छाप और अब वफादार कांग्रेसीयो ने फिर शे, मात का खेल शुरू कर पानी फेरने की शुरुवात अनुशासन समिति के अध्यक्ष के गृहनगर से प्रारम्भ कर दी हे, ये हम नहीं कह रहे हे, चर्चा चौराहे पर चल रही हे। इस बात की गवाही होडिंग्स  पर लगे फोटो और जिनके नहीं लगे हे उनकी नाराज़गी और जिस तरह से सोशल मिडिया पर युवा नेताओ के बीच तूतू, मेमे चल रही हे उससे आने वाले तूफान का अंदाज़ा लगाना आसान हो गया हे, हालाकी ख्वाब देखने का सभी को हक़ हे, परन्तु जिनको चड्डी पहनना नहीं आती वो भी पेंट का नाप दे रहे हे, खेर वो बेचारे भी क्या करे अँगरेज़ चले गए पर ये अभी भी उनकी दी हुई गुलामी की चादर ओढे बैठे हे। आगामी विधान सभा चुनाव का बिगुल तो नहीं बजा हे परन्तु राजनैतिक पार्टियों के कुनबे में उधल पुथल शुरू हो गई हे जानकारों के मुताबिक सम्मेलन के बहाने किस पर दांव लगाया जाए कौन दमदार हे,परखा जा रहा हे, जनता सब देख रही हे। जब हमने राजनीती के जानकारों से नगर के वर्तमान हालात पर जानकारी चाही तो उन्होंने कहा की अब कहा असूल की राजनीती, अब राजनीती में न तो स्थाई दुश्मनी होती हे ना स्थाई दोस्ती जिसकी लाठी उसकी भैस........???    

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