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लोकायुक्त के शिकंजे में फसा प्रधान आरक्षक
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लोकायुक्त के शिकंजे में फसा प्रधान आरक्षक

                                                जांच में मिली करोड़ो की बेनामी संपति 

                           

जबलपुर। लोकायुक्त के शिकंजे में फसे तिलवाराघाट थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक के पास साढे पाँच करोड़ रुपये से ज्यादा की संपत्ति मिली है। जबकि अभी बैंक लॉकर और खातों की जाँच होना बाकी है। हेड कांस्टेबल सच्चिनंद सिंह के पास अभी तक एक किलो सोना, पाँच किलो चांदी सहित करोड़ो की बेनामी संपति मिली है

 जानकारी केअनुसार लोकायुक्त पुलिस की  पड़ताल में अभी तक हाईवा, फॉर्च्यूनर सहित दर्जन भर से ज्यादा गाड़ियों के मालिक होने का खुलासा हुआ है। फिलहाल लोकायुक्त तिलवारा थाने में पदस्थ सच्चिदानंद सिंह की आय का ब्यौरा जुटा रही है।लोकायुक्त के शिकंजे में फंसने के बाद जब लोकायुक्त के अधिकारियों ने अपनी पड़ताल आगे बढ़ाई तो तिलवारा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक सच्चिदानंद सिंह उर्फ मटरू की संपत्ति का ब्यौरा भी सामने आता जा रहा है। 

 लोकायुक्त के जांच अधिकारियों ने सच्चिदानंद सिंह के तिलवारा के समीप स्थित घर और बरगी के पास बने फॉर्म हाउस की भी बारीकी से पड़ताल की जिसमें 7 संपत्तियों की रजिस्ट्री अभी लोकायुक्त के हाथ लगी है। अब तक की जांच में प्रधान आरक्षक की कुल संपत्ति साढ़े 5 करोड़ के आसपास आंकी गई है और अधिकारी अपनी जांच को लगातार आगे बढ़ा रहे हैं। इधर जैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने प्रधान आरक्षक के खिलाफ कार्रवाई शुरू की तो उसने हार्ट अटैक आने का बहाना बनाया और नागपुर में जाकर भर्ती हो गया। मामले की जांच अभी जारी है।

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